logo
  • Shayari
  • feeling
  • Blog
logo
Others
Sad
Romantic
Deshabhakti
Motivational
Festivals

latest sher

View all
इक पे टिकना तेरी आदत में नहीं है
यह सहूलत पर मुहब्बत में नहीं है

आप जब से जान-ए-जानाँ बन गए हो
लुत्फ़ बिल्कुल भी मुहब्बत में नहीं है
Aatish Indori
बात बिल्कुल साफ़ है
सच लिखो या मत लिखो
Kumar Aryan
उसके बिन इस जीवन का आधार नहीं
कैसे कह दूँ मुझको उससे प्यार नहीं

ऐसे तो कितने ही हैं लेकिन यारा
तेरे जैसा सच में कोई यार नहीं
Kaviraj " Madhukar"
यह आम आदमी का, दस्तूर हो गया है
जो है जहाँ वहीं पर, मजबूर हो गया है
Bankelal Srivastava "Rajneesh"

Others

View all
कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी
सदियों रहा है दुश्मन दौरे जहाँ हमारा
Allama Iqbal
माना कि तेरी दीद के क़ाबिल नहीं हूँ मैं
तू मेरा शौक़ देख मिरा इंतिज़ार देख
Allama Iqbal
घर में भी दिल नहीं लग रहा, काम पर भी नहीं जा रहा
जाने क्या ख़ौफ़ है जो तुझे चूम कर भी नहीं जा रहा

रात के तीन बजने को हैं, यार ये कैसा महबूब है?
जो गले भी नहीं लग रहा और घर भी नहीं जा रहा
Tehzeeb Hafi
हज़ारों साल नर्गिस अपनी बे-नूरी पे रोती है
बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदा-वर पैदा
Allama Iqbal

Sad

View all
जो खानदानी रईस हैं वो मिज़ाज रखते हैं नर्म अपना
तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई नई है
Shabeena Adeeb
तू भी कब मेरे मुताबिक मुझे दुख दे पाया
किस ने भरना था ये पैमाना अगर खाली था

एक दुख ये कि तू मिलने नही आया मुझसे
एक दुख ये है उस दिन मेरा घर खाली था
Tehzeeb Hafi
वो दुल्हन बन के रुख़्सत हो गई है
कहाँ तक कार का पीछा करोगे?
Zubair Ali Tabish
कोई समंदर, कोई नदी होती कोई दरिया होता
हम जितने प्यासे थे हमारा एक गिलास से क्या होता

ताने देने से और हम पे शक करने से बेहतर था
गले लगा के तुमने हिजरत का दुख बाट लिया होता
Tehzeeb Hafi

Romantic

View all
मैंने उसको इतना देखा, जितना देखा जा सकता था
लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था
Unknown
हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन
दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है
Mirza Ghalib
शायद मुझे किसी से मोहब्बत नहीं हुई
लेकिन यक़ीन सब को दिलाता रहा हूँ मैं
Jaun Elia
चाँदी सोना एक तरफ़ तेरा होना एक तरफ़
एक तरफ़ तेरी आँखें जादू टोना एक तरफ़
Gyan Prakash Akul

Deshabhakti

View all
सभी का ख़ून है शामिल यहाँ की मिट्टी में
किसी के बाप का हिन्दुस्तान थोड़ी है
Rahat Indori
मज़हब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिन्दी हैं हम वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा
Allama Iqbal
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा
हम बुलबुलें हैं इस की ये गुलसिताँ हमारा
Allama Iqbal
इस दौर-ए-सियासत का इतना सा फ़साना है
बस्ती भी जलानी है, मातम भी मनाना है
Waseem Barelvi

Motivational

View all
बिछड़ गए तो ये दिल उम्र भर लगेगा नहीं
लगेगा लगने लगा है मगर लगेगा नहीं

नहीं लगेगा उसे देख कर मगर ख़ुश है
मैं ख़ुश नहीं हूँ मगर देख कर लगेगा नहीं
Umair Najmi
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है मोहब्बत - वोहब्बत बड़ा जानते हो
तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो

ये ज्योग्राफिया, फ़लसफ़ा, साइकोलाॅजी, साइंस, रियाज़ी वगैरह
ये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो ?
Tehzeeb Hafi
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा
Ahmad Faraz
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है
Allama Iqbal

Festivals

View all
ईद का चाँद तुम ने देख लिया
चाँद की ईद हो गई होगी
Idris Azad
साल के आखिरी दिन उसने दिया वक़्त हमें
अब तो ये साल कई साल नहीं गुज़रेगा
Shariq Kaifi
किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा
अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा
Munawwar Rana
आज इक और बरस बीत गया उस के बग़ैर
जिस के होते हुए होते थे ज़माने मेरे
Ahmad Faraz

Report

Thank you

Search

  • DMCA
  • Privacy & terms

Instabioguru@gmail.com